शैतान बच्चे को कैसे संभालें? रोचक तथ्य।Shaitan bacche ko kaise shamhale ?

मेरा बहुत शैतान बच्चे है, कुछ भी नहीं सुनता है !”
“दिनभर शैतानी करता रहता है, पढ़ाई पर भी ध्यान नहीं देता है।”

अगर आप भी ऐसी परेशानी में हैं, तो यह ब्लॉग आपके लिए है! हम बात करेंगे कि शैतान बच्चों को प्यार और समझदारी से कैसे शांत करें । साथ ही, बच्चों के व्यवहार से जुड़े कुछ रोचक तथ्य भी जानेंगे ।

क्यों करते हैं बच्चे शैतानी ? क्या कहता है विज्ञान?

  1. बच्चों में दिमाग का विकास:बच्चों का प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स (जो निर्णय लेता है) 25 साल तक विकसित होता है। इसलिए वे चंचल होते हैं।
  2. एनर्जी का ज्यादा होना: 5-12 साल के बच्चों में वयस्कों से 3 गुना ज्यादा एनर्जी होती है। बच्चे यही एनर्जी शैतानी में लगता है।
  3. ध्यान देने की चाह: 68% बच्चे जान-बूझकर शैतानी करते हैं ताकि माता पिता उन पर ध्यान दें।
  4. बोरियत होना :जब बच्चे बोर होते है, तो वह गलत तरीके से मनोरंजन ढूंढता है।

शैतान बच्चे को शांत करने के 10 आसान उपाय।

1.”नहीं” कहने की बजाय “हां” की आदत को डालना सिखाएं।

ये गलत तरीका है कि: “टीवी मत देखो!”, “खिलौने से मत खेलो!”
तो सही तरीका क्या है : सही तरीका है कि चलो बेटा”टीवी बंद करो और चलो बाहर खेलते हैं!”, या “खिलौने संभालकर रखो, फिर नया गेम खेलते है।”
विज्ञान क्या कहता है: नेगेटिव शब्द बच्चों के दिमाग में तनाव पैदा करते हैं। उसे पॉजिटिव विकल्प दें।

2.शैतानी को टैलेंट में बदलें।

अगर बच्चा दीवार पर ड्रॉइंग करता है, तो उसे कैनवास और रंग दें।
अगर ज्यादा बोलता है, तो स्टोरीटेलिंग क्लास जॉइन करवाएं। उदाहरण से उसे समझाएं: बच्चे को बताएं कि मुंबई के 8 साल के राहुल ने दीवारों पर कार्टून बनाना शुरू किया था। और आज वह जूनियर आर्ट कि प्रतियोगिता जीत चुका है!

3.”टाइम आउट” नहीं, “टाइम इन” दें।

टाइम आउट (अलग करना): बच्चा अकेले बैठकर नाराज होता है।
टाइम इन (साथ बैठना): बच्चे के साथ बैठकर उसकी भावनाएं समझें। पूछें, “तुम इतने गुस्से में क्यों हो?” उसके बाद साथ मिलकर इसका उपाय निकालें।

4.शारीरिक गतिविधियों में व्यस्त रखें।

शैतान बच्चे

शोध कहता है: जो बच्चे रोज 45 मिनट दौड़ते-कूदते हैं, उनमें हाइपरटेंशन 40%कम होती है।
आइडियाज: डांस क्लास, साइकिल चलाना, स्विमिंग, या घर के काम (जैसे पौधों को पानी देना) सिखाएं।

5.स्क्रीन टाइम को लिमिट करें।

तथ्य: ज्यादा कार्टून देखने वाले बच्चों में चिड़चिड़ापन 3 गुना बढ़ जाता है।

  • समाधान निकालें :
  • 2-5 साल: दिन में 1 घंटा।
  • 6+ साल: 2 घंटे (हॉबी के साथ बैलेंस करें)।

6.नियम बनाएं, लेकिन प्रेशर न दें।

गलत: “रात 8 बजे सो जाना है!”
सही: “चलो आज तय करते हैं कि खेलने का टाइम कितना होगा। तुम्हारी राय क्या है?”
फायदा: बच्चा नियम को अपनी “जिम्मेदारी” समझेगा।

7.गलती को “सीख” में बदलें।

अगर बच्चे ने गुस्से में खिलौना तोड़ दिया।
तो डांटें नहीं, बल्कि कहें, “चलो इसे साथ में ठीक करते हैं।”
फिर समझाएं: “गुस्सा आए तो गहरी सांस लेना सीखो।”

8.रोल मॉडल बनें।

तथ्य: 72% बच्चे वही व्यवहार कॉपी करते हैं जो वे घर में देखते हैं।
उदाहरण: अगर आप घर मे चिल्लाते हैं, तो बच्चा भी चिल्लाएगा। शांत रहकर उसे संयम सिखाएं।

9.पॉजिटिव सोच।

  • “तुमने आज खुद से होमवर्क किया? वाह, तुम्हें तो आज आइसक्रीम मिलेगी!”
    ध्यान रखें: इनाम हमेशा मटीरियल नहीं होना चाहिए। तारीफ भी करना चाहिए या गले लगाना भी काम करता है।

10.प्रकृति के साथ जोड़ें।

स्टडी: प्रकृति के बीच समय बिताने वाले बच्चों में फोकस 20% तक बढ़ जाता है।
एक्टिविटीज: बागवानी, पतंग उड़ाना, पक्षियों को दाना डालना।

शैतान बच्चों से जुड़े मिथक vs हकीकत।

  1. मिथक: शैतान बच्चे “बिगड़े हुए” होते हैं।
    हकीकत: नहीं वे बस अपनी भावनाएं व्यक्त नहीं कर पाते।
  2. मिथक: डांट-मार से बच्चा सुधर जाएगा।
    हकीकत: नहीं इससे बच्चे में और गुस्सा बढ़ता है।
  3. मिथक: हाइपरएक्टिविटी सिर्फ लड़कों में होती है।
    हकीकत: नहीं लड़कियों में भी हाइपरएक्टिविटी होती है, लेकिन उन्हें अक्सर नजरअंदाज किया जाता है।
  4. मिथक: दवाइयों से बच्चा शांत हो जाएगा।
    हकीकत: नहीं बिना डॉक्टर की सलाह के दवा देना खतरनाक हो सकता है।
  5. मिथक: शैतान बच्चे पढ़ाई में कमजोर होते हैं।
    हकीकत: नहीं ऐसे बच्चों में क्रिएटिविटी ज्यादा होती है (आइंस्टीन भी बचपन में हाइपरएक्टिव थे!)

कब हो सकती है गंभीर समस्या? ये लक्षण न करें नजरअंदाज।

बच्चा जानबूझकर खुद को चोट पहुंचाए।

  • 6 महीने से ज्यादा समय तक दूसरों को नुकसान पहुंचाना।
  • हर बात पर झूठ बोलना या चोरी करना।
    -समाधान: ऐसे में चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट से सलाह अवश्य लें।
  • अगर बच्चा रात में देर से सोता है, तो सुबह उठना मुश्किल होगा।-click here

FAQs: शैतान बच्चों से जुड़े सवाल।

Q1. बच्चा स्कूल में शिकायत करवाता है, क्या करूं?
टीचर से मिलें। बच्चे की अच्छाइयों पर बात करें और सजा के बजाय समाधान ढूंढें।

Q2. बच्चा बहन-भाई से लड़ता है, कैसे रोकूं?

  • “तुम दोनों को अलग-अलग टास्क दूंगी, जो पहले पूरा करेगा, उसे इनाम मिलेगा!”

Q3. पति-पत्नी की पेरेंटिंग स्टाइल अलग अलग है, क्या करें?

  • बच्चे के सामने एक-दूसरे को कभी न डांटें। अलग से बैठकर रूल्स तय करें।

Q4. बच्चा गाली देता है, कैसे सुधारें?

  • गाली देते ही शांत हो जाएं। कहें, “यह शब्द हम घर में इस्तेमाल नहीं करते।”

निष्कर्ष:

शैतानी दिमाग की तेजी का संकेत है!
हर बच्चा अलग होता है। कुछ शांत होते हैं, कुछ तूफान लेकर आते हैं। आपका शैतान बच्चा असल में एक भविष्य का लीडर, आविष्कारक या कलाकार हो सकता है।
बस जरूरत है उसकी ऊर्जा को सही दिशा देने की। याद रखें, “पेड़ को छाँव देने के लिए उसे काटना नहीं, संभालना पड़ता है!”

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