आपका इनकम टैक्स रिफंड क्यों हो सकता है लेट? जानिए इन 7 बड़ी वजहों को वरना पछताना पड़ेगा!

अगर आपने अपना इनकम टैक्स रिफंड (ITR) फाइल कर दिया है और अब बेसब्री से रिफंड का इंतजार कर रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। आमतौर पर रिटर्न प्रोसेस होने में 4 से 6 हफ्ते का समय लगता है, लेकिन इस साल मामला कुछ अलग है। कई तकनीकी और प्रशासनिक कारणों की वजह से लाखों टैक्सपेयर्स को अपने रिफंड के लिए ज्यादा लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।

तो आइए जानते हैं क्या हैं इस देरी की असली वजहें:

इनकम टैक्स रिफंड

1.इनकम टैक्स रिफंड में बंपर उछाल, लेकिन बढ़ा फर्जीवाड़ा भी!

हाल ही में टैक्स रिफंड से जुड़ी तीन बड़ी खबरें सुर्खियों में रहीं।

  • पहली खबर ये थी कि इनकम टैक्स रिफंड में 474% की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है — जो FY14 में ₹83,008 करोड़ थी, वह FY25 में ₹4.77 लाख करोड़ तक पहुंच गई है!
  • दूसरी बड़ी खबर थी कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने देशभर में फर्जी रिफंड क्लेम्स के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया है।
  • तीसरी खबर थी कि इनकम टैक्स बिल 2025 पर बनी सलेक्ट कमेटी ने सिफारिश की है कि रिफंड क्लेम करने की कोई अंतिम तारीख न हो।

CBDT (Central Board of Direct Taxes) ने अपने 2025-26 के एक्शन प्लान में कहा है कि रिफंड समय पर जारी किया जाना चाहिए, ताकि सरकार को देरी के कारण ब्याज न देना पड़े। लेकिन, कटौती और छूट के प्रावधानों का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग सामने आने के कारण विभाग अब हर दावे की बारीकी से जांच कर रहा है, जिससे सही टैक्सपेयर्स के रिफंड में भी देरी हो रही है।

2.नए इनकम टैक्स रिफंड फॉर्म की देर से लॉन्चिंग बनी सिरदर्द

इस बार ITR फॉर्म्स की रिलीज में भी देरी हुई।

  • ITR-1 और ITR-4, जो सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किए जाते हैं, उनके एक्सेल यूटिलिटी फॉर्म्स 30 मई को जारी हुए।
  • वहीं, ज्यादा डिटेल मांगने वाले ITR-2 और ITR-3 के फॉर्म्स 11 जुलाई को आए और
  • ITR-2 की ऑनलाइन फाइलिंग सुविधा 18 जुलाई को शुरू हुई।

इस देरी का असर सिर्फ रिटर्न फाइलिंग पर नहीं पड़ा, बल्कि रिटर्न प्रोसेसिंग और रिफंड में भी रुकावट आई। इसी वजह से ITR फाइल करने की आखिरी तारीख को बढ़ाकर 15 सितंबर कर दिया गया है।

3.नए फॉर्म में डिटेल्स का ‘ओवरलोड’

इस बार के इनकम टैक्स रिफंड फॉर्म्स में पहले से कहीं ज्यादा जानकारी भरनी होती है।
उदाहरण के तौर पर:

  • अगर आप HRA (हाउस रेंट अलाउंस) क्लेम कर रहे हैं, तो सिर्फ सैलरी और DA की जानकारी नहीं, बल्कि आपको मिलने वाला HRA, किराए की रकम, जॉब का नेचर और लोकेशन भी बतानी होगी।
  • होम लोन या एजुकेशन लोन की कटौती के लिए लोन अकाउंट नंबर, बैंक/लेंडर का नाम, लोन मंजूरी की तारीख, कुल लोन राशि, 31 मार्च तक बकाया राशि जैसी जानकारी भी जरूरी है।
  • हेल्थ या लाइफ इंश्योरेंस डिडक्शन के लिए इंश्योरेंस कंपनी का नाम और पॉलिसी नंबर भरना जरूरी हो गया है।

इन सभी जानकारियों को विभाग बैकग्राउंड में वेरिफाई करेगा, तभी रिफंड जारी किया जाएगा।

इनकम टैक्स रिफंड

4.हाई रिस्क रिटर्न्स को किया जा रहा है फ्लैग

कुछ मामलों में, अगर ITR में दिए गए आंकड़े संदेहास्पद लगे या डिपार्टमेंट के पास पहले से उपलब्ध डेटा से मेल नहीं खाते, तो उस रिटर्न को ‘हाई रिस्क’ कैटेगरी में डालकर खास जांच की जाएगी।
ऐसे मामलों में टैक्स रिफंड तब तक जारी नहीं किया जाएगा जब तक जांच पूरी न हो जाए।

5.पेंडिंग टैक्स डिमांड भी बन रही है रोड़ा

अगर आपके पिछले सालों का कोई टैक्स बकाया है और आपने इस साल इनकम टैक्स रिफंड क्लेम किया है, तो डिपार्टमेंट सबसे पहले पुराने टैक्स ड्यू को उसी रिफंड से एडजस्ट करेगा। इसके लिए AO (Assessing Officer) आपको नोटिस भी भेजेगा।

6.टेक्निकल गड़बड़ियां भी जिम्मेदार

कुछ सामान्य लेकिन अहम वजहें भी रिफंड में देरी का कारण बन रही हैं:

  • रिटर्न, फॉर्म 16 और फॉर्म 26AS के डेटा में मेल नहीं होना
  • रिटर्न फाइल करने के बाद 30 दिनों के अंदर ई-वेरिफिकेशन नहीं करना
  • गलत या अधूरा बैंक डिटेल देना
  • रिफंड के लिए बैंक अकाउंट को प्री-वैलिडेट न करना
  • ई-मेल ID या मोबाइल नंबर अपडेट न होना
  • प्रोफाइल अपडेट न करना या आधार से लिंक न होना

7.सीपीसी बेंगलुरु तक नहीं पहुंचा आपका साइन किया हुआ फॉर्म?

अगर आपने ई-वेरिफाई नहीं किया है और फिजिकल फॉर्म भेजा है तो ध्यान दें — यदि वह साइन किया हुआ फॉर्म समय पर CPC-बेंगलुरु नहीं पहुंचा, तो आपका रिटर्न प्रोसेस ही नहीं होगा और रिफंड भी अटक जाएगा।

इनकम टैक्स रिफंड

क्या करें ताकि रिफंड में न हो देरी?

  1. ITR फॉर्म को ध्यान से भरें और सभी जरूरी डिटेल दें।
  2. सुनिश्चित करें कि आपका बैंक अकाउंट एक्टिव और प्री-वैलिडेटेड हो।
  3. रिटर्न फाइल करने के तुरंत बाद ई-वेरिफिकेशन करें।
  4. पुराने टैक्स ड्यूज को चेक करें और क्लियर करें।
  5. अपने प्रोफाइल में ईमेल और मोबाइल नंबर अपडेट रखें।

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निष्कर्ष:

इस साल इनकम टैक्स रिफंड में देरी कोई संयोग नहीं, बल्कि कई लेयर की सतर्कता और प्रोसेसिंग बदलावों का नतीजा है। फर्जी दावों को रोकने के लिए विभाग सख्ती बरत रहा है, लेकिन इसका असर उन टैक्सपेयर्स पर भी पड़ रहा है जो सही दावा कर रहे हैं। ऐसे में सही डिटेल देना, समय पर वेरिफिकेशन और बैंक डिटेल अपडेट रखना बेहद जरूरी हो गया है।

तो अब इंतजार करने की बजाय, इन जरूरी बातों को तुरंत चेक कर लें – क्या पता आपका रिफंड अगले हफ्ते ही आ जाए!

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