अगर आपका बच्चा लिखने में कमजोर है तो बच्चे मे लेखन क्षमता कैसे सुधारें?
आज हम बात करेंगे कि घर पर रहकर बच्चे की लिखने की क्षमता (Writing Skills) को कैसे सुधारा जाए।
यह कोई बोरिंग लेक्चर नहीं है, बल्कि प्रैक्टिकल टिप्स हैं जिन्हें आप आज से ही अपना सकते हैं। चलिए, शुरू करते हैं!
बच्चों में लेखन क्षमता क्यों जरूरी है?
लेखन सिर्फ स्कूल की कॉपी भरने तक सीमित नहीं है। यह बच्चे में सोचने, विचार व्यक्त करने और क्रिएटिविटी को बढ़ाता है। अच्छी लेखन क्षमता से बच्चा:
अपने भावनाएं बेहतर तरीके से समझता है।
पढ़ाई में अच्छा स्कोर करता है।
भविष्य में कम्युनिकेशन स्किल्स मजबूत होते हैं।
लेकिन सवाल यह है कि बच्चे की लिखाई में सुधार कैसे करें? चिंता न करें, यहां 10 टिप्स दिए गए हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं।
रोजाना लिखने की आदत डालें।
जैसे पढ़ने के लिए डेली रीडिंग है, वैसे ही “राइटिंग टाइम” फिक्स करें। शुरुआत में सिर्फ 10-15 मिनट दें। उन्हें कुछ भी लिखने दें:
- उसे दिनभर की घटनाएं लिखने दें या एक डायरी लिखने दें।
- कोई भी एक कहानी या कविता लिखने को कहें।
- पसंदीदा कार्टून कैरेक्टर के बारे में लिखने को कहें। अगर बच्चा लिखने से कतराए, तो उसे डांटें नहीं। बोलकर लिखवाएं या ड्राइंग के साथ में लिखवायें।
गलतियों पर नहीं, प्रयास पर ध्यान दें।
बच्चे जब लिखना शुरू करते हैं, तो स्पेलिंग और व्याकरण की गलतियां आम हैं। इन्हें न काटें। पहले उनके आइडियाज और क्रिएटिविटी की तारीफ करें। उदाहरण के लिए:
“तुमने इस कहानी में गाय के बारे में बहुत अच्छा लिखा! चलो अब इन शब्दों की स्पेलिंग सुधारते हैं।”_
3.पढ़ने और लिखने का कनेक्शन समझाएं।
जो बच्चे किताबें पढ़ते हैं, उनकी लेखन क्षमता अपने आप सुधरती है। उन्हें उनकी उम्र के हिसाब से कहानी की किताबें दें। पढ़ने के बाद उनसे पूछें:
- “तुम्हें यह कहानी कैसी लगी?”
- “अगर तुम लेखक होते, तो इस कहानी को कैसे लिखते ?”
इससे उनमें क्रिटिकल थिंकिंग भी विकसित होगी।
4.लेखन क्षमता को गेम बनाएं।
बच्चों को पढ़ाई नहीं, मनोरंजन चाहिए। लिखने को फन एक्टिविटीज से जोड़ें:
शब्दों की चुनौती (Word Challenge):एक टॉपिक दें (जैसे: “जंगल”) और 5 मिनट में जितने शब्द लिख सकते हैं, लिखवाएं।
इसमें और कुछ जोड़ सकते हैं जैसे-कहानी का एक वाक्य: आप लिखें, और बच्चे को अगला लिखने दें। पूरी कहानी बनने के बाद उसे पढ़कर सुनाएं।
पत्र लिखना: दादा-दादी या दोस्त को लेटर लिखवाएं।
5.टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल।
मोबाइल और टैबलेट को दुश्मन न समझें। बच्चों के लिए
राइटिंग ऐप्स डाउनलोड करें:
Storybird: इसमें बच्चे देखकर कहानी लिख सकते हैं।
Writing Wizard: हिंदी और इंग्लिश अक्षर लिखना सीखने के लिए ये परफेक्ट है।
Google Docs: टीचर या दोस्तों के साथ शेयर करके फीडबैक ले सकते हैं।
6.लिखने के लिए ‘क्रिएटिव स्पेस’ बनाएं।
बच्चा जहां लिखे, वह जगह आकर्षक और प्रेरित करने वाली होनी चाहिए। ऐसे छोटे-छोटे ट्रिक्स आजमाएं:
- डेस्क पर उसकी पसंदीदा स्टोरीबुक्स और कलरफुल पेंसिल्स रखें।
- दीवार पर उसकी लिखी हुई कविता या कहानी चिपकाएं।
- लिखते समय हल्का संगीत (इंस्ट्रूमेंटल) भी चला सकते हैं।
7.रोल मॉडल बनें।
बच्चे वही करते हैं जो वो आपको करते हुए देखते हैं। अगर आप खुद कभी नहीं लिखते, तो बच्चे को प्रेरणा कहां से मिलेगी?
- उनके सामने डायरी लिखें या शॉपिंग लिस्ट बनाएं।
- पारिवारिक गतिविधियों में लेखन क्षमता को शामिल करें, जैसे: छुट्टियों की योजना बनाना, रेसिपी बुक तैयार करना।
8.प्रतियोगिताओं में भाग लेने को प्रोत्साहित करें।
कई स्कूल और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कहानी/कविता लेखन प्रतियोगिताएं आयोजित करते हैं। इनमें बच्चे को भाग लेने दे:
- इससे बच्चे में आत्मविश्वास बढ़ेगा।
- उसे नए आइडियाज मिलेंगे।-click here
- पुरस्कार मिलने पर लिखने के प्रति रुचि बढ़ेगी
9.धैर्य रखें और छोटे-छोटे सुधारों को नोटिस करें
लेखन क्षमता रातोंरात नहीं सुधरती है। हफ्ते में एक बार बच्चे की राइटिंग चेक करें और इन बातों पर गौर करें:
- क्या वह पहले से ज्यादा शब्द लिख रहा है?
- क्या स्पेलिंग मिस्टेक कम हुई हैं?
- क्या कहानी में नए कैरेक्टर या ट्विस्ट हैं?
छोटे-छोटे बदलावों की तारीफ करें।
10.प्रोफेशनल हेल्प लें।
अगर बच्चे को लिखने में गंभीर कठिनाई है (जैसे: डिस्लेक्सिया, ध्यान न लगा पाना), तो एक्सपर्ट्स से सलाह लें।
स्पीच थेरेपिस्ट या चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट समस्या का कारण और समाधान बता सकते हैं।
बच्चों से लेखन में होने वाली 5 कॉमन गलतियां (और उनके समाधान)
- शब्दों को जल्दबाजी में लिखना: बच्चे अक्सर शब्दों के अंत को छोड़ देते हैं।
-समाधान: उन्हें धीरे-धीरे लिखने के लिए प्रेरित करें। - कहानी में लॉजिक की कमी: कभी-कभी कहानी का कोई लॉजिक नहीं होता।
- समाधान:पहले “कहानी का ढांचा” (शुरुआत, मध्य, अंत) समझाएं।
- हैंडराइटिंग का खराब होना: अक्षर साफ नहीं दिखते।
-समाधान: डॉट्स वाली कॉपी पर प्रैक्टिस करवाएं। - विषय से भटक जाना: लेखन का टॉपिक बदलते रहना।
- समाधान: लिखने से पहले “आउटलाइन” बनाना सिखाएं।
- रुचि की कमी: लिखने में बोरियत महसूस करना।
- समाधान: उनकी पसंद के टॉपिक्स पर लिखवाएं, जैसे: स्पेस, डायनासोर, कोई हीरो।
FAQs: बच्चों की लेखन क्षमता से जुड़े सवाल।
- बच्चा लिखते समय जल्दी थक जाता है, क्या करूं?
- शुरुआत में 5-10 मिनट का छोटा सेशन रखें। फिर धीरे-धीरे समय को बढ़ाएं।
- क्या बच्चों को कॉपी-राइटिंग (नकल करके लिखना) करवाना चाहिए?
- हां, लेकिन सीमित मात्रा में। उन्हें अपने विचार लिखने के लिए प्रेरित करें।
- हिंदी और इंग्लिश लेखन में कैसे बैलेंस करें?
- दोनों भाषाओं के लिए अलग-अलग समय निर्धारित करें।
- बच्चे की हैंडराइटिंग सुधारने के लिए बेस्ट उम्र कौन सी है?
- 6-8 साल की उम्र में ध्यान देना शुरू करें।
निष्कर्ष:
लेखन एक सफर है, मंजिल नहीं!
बच्चे की लेखन क्षमता सुधारने के लिए नियमित अभ्यास, प्रोत्साहन और थोड़ी रचनात्मकता चाहिए। याद रखें, हर बच्चा अलग होता है।
किसी के लिए कहानी लिखना आसान है, तो किसी को पत्र लिखना पसंद है। उनकी रुचि और गति के अनुसार चलें।
जब आप खुद लेखन को एंजॉय करेंगे, तो बच्चा भी इसे गंभीरता से लेगा।