बच्चों को फाइनेंस के बारे में कैसे बताएं 10 आसान तरीके। | Bacche ko paise ke bare me batayen 10 tarike

फाइनेंस

अगर आपका बच्चा फाइनेंस के बारे में नहीं समझते हैं या ये बोलता है “मम्मी, मुझे वीडियो गेम चाहिए!” या “पापा, सबके पास नया फोन है, मुझे भी चाहिए !”

अगर आपका भी बच्चा ऐसी मांग करता है, तो समझ जाइए कि उसे “पैसे की वैल्यू” के बारे में बताने का सही वक्त आ गया है।
आज के डिजिटल युग में बच्चों को पैसे कमाने की नहीं, बस खर्च करने की आदत होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि 5 साल की उम्र से ही बच्चों को फाइनेंस के बारे में थोड़ी थोड़ी समझ देना शुरू कर देना चाहिए?
यह ब्लॉग आपको बताएगा कैसे आप अपने बच्चे को पैसे सेव करना, उसे स्पेंड करना और एक अच्छा इन्वेस्टर बना सकते हैं—वो भी बिना अधिक मेहनत के!

बच्चों को फाइनेंस के बारे में क्यों सिखाना चाहिए?

1 RBI के अनुसार, 76% भारतीय युवा (18-25 साल) तक लोन लेते समय ब्याज दर ही नहीं समझते हैं।
2 10 में से 7 बच्चे यह जानते हि नहीं है कि क्रेडिट कार्ड का बिल न चुकाने पर क्या होता है।
3 जो बच्चे बचपन में पैसे मैनेज करना सीखते हैं, उनके पास 30 साल की उम्र तक 2.5x ज्यादा सेविंग्स होती है।

उम्र के हिसाब से बच्चों को स्टेप बाय स्टेप फाइनेंस एजुकेशन दें।

  1. 5-10 साल से ही पैसे को पहचानने और बचत की आदत डलवानी चाहिए।
    उसे एक गुल्लक दें ।
    गुल्लक बनाएं और उससे उसे “खर्च”, “बचत”, और “दान” के बारे में सिखाएं।
    हर हफ्ते के अंत में गिनकर बताएं कि कितना जमा हुआ।
    पैसे की पहचान ।
    सिक्कों और नोटों के मूल्य समझाएं।
    गेम भी खेलें – “दुकानदार-ग्राहक” बनकर खेलें (कागज के नोट्स से)।
  2. 11-14 साल में बजट बनाना और डिजिटल पेमेंट करना सिखाएं ।
    पॉकेट मनी मैनेजमेंट सिखाएं।
    महीने का बजट बनबाएं स्टेशनरी, स्नैक्स, सेविंग।
    अगर पैसे खत्म हो जाएं, तो अगले महीने तक इंतजार करना सिखाएं।
    डिजिटल लेनदेन सिखाएं।
    फेमिली वॉलेट ऐप से UPI सिखाएं।
  • सावधानी: “ऑनलाइन फ्रॉड” के बारे में बताएं।
  1. 15-18 साल: इन्वेस्टमेंट और कमाई के बेसिक्स समझाएं। ₹1000 महीने के 12% ब्याज पर 5 साल में ₹1,762 हो जाते हैं।
    ऑनलाइन कंपाउंड इंटरेस्ट कैलकुलेटर को दिखाएं।
    पार्ट-टाइम जॉब
    ट्यूशन पढ़ाना, ब्लॉग लिखना, या फ्रीलांसिंग करने को कहें।
    स्टॉक मार्केट का ABC:
    डेमैट अकाउंट खोलकर वर्चुअल ट्रेडिंग करवाएं।

अब हम बच्चों को फाइनेंस सिखाने के 10 क्रिएटिव तरीके बताएंगे।

  1. “मनी मंथली” चैलेंज:
    पूरे एक महीने हर दिन एक फाइनेंस का टास्क दें। जैसे: दिन 1 में बजट बनाओ, दिन 5 में लोन पर ब्याज कैलकुलेट करो।
  2. फैमिली फाइनेंस मीटिंग घर पर रखें।
    हर महीने बैठकर घर के खर्चे पर चर्चा करें। बच्चे का भी सुझाव लें।
  3. इन्वेस्टमेंट गेम खेलें ।
    ₹500 का फंड दें। उन्हें स्टॉक्स, गोल्ड, या FD में “इन्वेस्ट” करने दें। 6 महीने बाद प्रॉफिट लॉस चेक करें।
  4. यूट्यूब से सीखाएं।
    युटुब चैनल्स जैसे “Finance With Sharan” या “Labour Law Advisor” के बच्चों के अनुकूल वीडियो दिखाएं।
  5. दान की अहमियत बताएं ।
    बच्चों द्वारा बचाए पैसे का 10% गरीब बच्चों की पढ़ाई या जानवरों के लिए दान करना सिखाएं ।
  6. किड्स बिजनेस आइडिया।
    लेमनडे स्टैंड, हैंडमेड कार्ड बेचना, या ऑनलाइन यूट्यूब चैनल शुरू करना को कहें ।
  7. रेडी-टू-यूज ऐप्स।
    PiggyVest (Teen Version): सेविंग और गोल सेट करने को कहें।
    RoosterMoney पॉकेट मनी ट्रैकर।
  8. खुद कि फाइनेंशियल गलतियों से सीखाएं।
    खुद की युवावस्था की गलतियां शेयर करें। जैसे: क्रेडिट कार्ड डेट जमा होना।
  9. स्मार्ट शॉपिंग।
    मॉल ले जाकर प्राइस कंपेरिजन करना सिखाएं। डिस्काउंट और GST कैलकुलेट करवाएं।
  10. टैक्स की बुनियाद समझाएं ।
    चॉकलेट खरीदने पर GST कैसे लगता है, यह समझाएं।

खुद के लिए 5 गोल्डन रूल्स बनाएं।

  1. खुद उदाहरण बनें अगर आप इम्पल्सिव शॉपिंग करते हैं, तो बच्चा भी सीखेगा।
  2. “ना” कहना सिखाएं: हर डिमांड पूरी करने से पहले “क्या यह जरूरी है?” पूछें।
  3. गलतियों को होने दें : छोटी उम्र में ₹500 गवा देना, बड़े होकर ₹5 लाख गवाने से बेहतर है।
  4. लक्ष्य तय करें: नया साइकिल चाहिए? 6 महीने की सेविंग प्लान बनाएं।
  5. टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल: पैरेंटल कंट्रोल के साथ फाइनेंस ऐप्स दें।

बच्चों के सवाल और सिंपल जवाब।

Q: “हम इतने अमीर क्यों नहीं हैं?”
Ans. “अमीर होना जरूरी नहीं, समझदारी से खर्च करना जरूरी है।”

Q: “क्रेडिट कार्ड से फ्री में शॉपिंग क्यों नहीं कर सकते?”
Ans: “यह कर्जा है, जिसे ब्याज के साथ चुकाना पड़ता है।”

Q: “शेयर मार्केट में पैसे डूब गए तो?”
Ans: “रिस्क के बिना रिवॉर्ड नहीं मिलता, लेकिन रिसर्च जरूरी है।”

फाइनेंस के लिए 5 इंस्पायरिंग इंडियन बुक्स‌।

  1. “रिच डैड पुअर डैड” (हिंदी अनुवाद):रॉबर्ट कियोसाकी
  2. “पैसा बोलता है”– नीतीश ठाकुर
  3. “द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर” – बेंजामिन ग्राहम
  4. “धन संपदा” – देवेन्द्र झा
  5. “बच्चे और पैसा”– मोनिका हलान

FAQs: बच्चों को फाइनेंस सिखाने से जुड़े सवाल।

Q1. बच्चे को कितनी पॉकेट मनी दें?
Ans: उम्र और जरूरत के हिसाब से। 10 साल: ₹200/माह, 15 साल: ₹1000/माह।

Q2. क्या बच्चों को क्रेडिट कार्ड देना सही है?
Ans: 18 साल से कम उम्र में नहीं। प्रीपेड कार्ड (FamPay) दे सकते हैं।

Q3. बच्चा पैसे छिपा कर खर्च करता है, क्या करूं?
Ans: डांटें नहीं। प्यार से समझाएं कि ईमानदारी जरूरी है।

Q4. इन्वेस्टमेंट किस उम्र से सिखाएं?
Ans: 13-14 साल से स्टॉक मार्केट के बेसिक्स समझाएं।

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निष्कर्ष:

बच्चों को फाइनेंस सिखाने का मतलब उन्हें पैसे का लालची नहीं, बल्कि जिम्मेदार बनाना है। जब वे समझेंगे कि पैसा क्या है , तभी वे जिंदगी के असली मकसद पर फोकस कर पाएंगे।

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