बच्चे को स्कूल के लिए सुबह कैसे उठाएँ? | bacche ko schhol ke liye subah kaise uthaye.

सुबह-सुबह स्कूल जाने के लिए बच्चों को तैयार करना किसी युद्ध से कम नहीं है।
नींद में खोया हुआ बच्चा को जब बिस्तर से उठाना हो तो उस माँ-बाप के लिए बड़ी चुनौती बन जाता है।
“5 मिनट और सोने दिजये “, “मुझे स्कूल नहीं जाना है!” जैसे वाक्य सभी को सुनने के लिए मिलता हैं।

लेकिन चिंता न करें! हम थोड़ी सी प्लानिंग और सही तरीके से अपने बच्चे को सुबह आसानी से उठा सकते हैं, और वह भी प्यार से ।


आइए जानते हैं वो 10 तरीका तरीके जो आपकी मुश्किल को आसान कर देंगे।

1.रात की अच्छी नींद बच्चों को जरूरी है।

बच्चे को सुबह आसानी से उठाने के लिए सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि बच्चे को नींद पूरी मिल रही है।
अगर बच्चा रात में देर से सोता है, तो सुबह उठना मुश्किल होगा।

उम्र के हिसाब से नींद कितना ज़रूरी होता है।
3-5 साल: 10-13 घंटे
6-12 साल: 9-12 घंटे
13-18 साल: 8-10 घंटे

रात में बेडटाइम रूटीन जरुर बनाएँ:
रात को एक निश्चित समय पर सोने की आदत डालें।
सोने से 1 घंटे पहले (मोबाइल, टीवी) बंद कर दें।
बच्चों को कहानी सुनाएँ ताकि बच्चे को नींद आए।

2.बच्चों को सुबह उठाने का सही तरीका क्या है।

आराम से और प्यार से उठाए।
कई बार पेरेंट्स जल्दबाजी में बच्चे को झटके से उठा देते हैं, जिससे वह चिड़चिड़ा हो जाता है। इसकी बजाय प्यार से उठाएँ:

धीरे-धीरे जगाएँ:
पहले कमरे की लाइट ऑन करें या पर्दा खोलें।
हल्के हाथ से पीठ और सर थपथपाएँ।
मीठी आवाज़ में बोलें, “उठो बेटा, सुबह हो गई!”

अलार्म का इस्तेमाल करें
अगर बच्चा थोड़ा बड़ा है, तो उसे खुद अलार्म लगाने की आदत डालें।
मजेदार अलार्म ट्यून भी सेट कर सकते है।

3.सुबह की दिनचर्या को जितना हो सके मजेदार बनाएँ।

अगर सुबह उठने के बाद बच्चे को कुछ अच्छा करने को मिलेगा, तो वह जल्दी उठने का कोशिश करेगा ।

नाश्ते में फेवरेट चीज बनाएँ:
“आज तुम्हारा फेवरेट डिश बना है!” ऐसा कहने से बच्चा उत्साहित होगा।
कभी कभी छोटे-छोटे इनाम भी देना चाहिए।
बच्चों को ऐसा भी कह सकते है कि”जल्दी तैयार हो गए तो तुम्हें एक गिफ्ट मिलेगा!”
सुबह की एक्टिविटीज में जितना हो सके फन बनाएँ:
ब्रश करते समय गाना भी गाएँ या डांस करें।

4.बच्चे को जिम्मेदारी दिजये।

अगर बच्चा खुद अपने स्कूल और समय की जिम्मेदारी समझेगा, तो वह आसानी से उठ जाएगा।

  स्कूल

बच्चों को टाइम टेबल बनाकर दें।
एक टाइम बनाकर दीवार पर लगाएँ जिसमें सोने, उठने और तैयार होने का समय लिखा हो।
बच्चों को खुद तैयार होने दें।
उसे अपना बैग पैक करने दें, यूनिफॉर्म निकालने दें। इससे उसे लगेगा कि वह बड़ा हो रहा है।

5.सुबह की हड़बड़ी से बचें।

कई बार देरी से उठने के कारण सुबह हड़बड़ी होती है, जिससे बच्चा स्ट्रेस में आ जाता है। इससे बचने के लिए:

रात को ही तैयारी कर लें।
यूनिफॉर्म, बैग, रात को ही रख दें।
लंच बॉक्स पैक करके फ्रिज में रख दें।
सुबह जल्दी उठ जाएँ।
अगर आप भी खुद 10-15 मिनट पहले उठ जाएँगे, तो बच्चे को भी उठाने में आसानी होगी।

6.नींद से जुड़ी गलतियाँ जो पेरेंट्स करते हैं।

कुछ आदतें जो बच्चे की नींद खराब कर देते हैं, जिन्हें ध्यान में रखना जरूरी है:
देर रात तक पढ़ाई न कराएँ:
कुछ पेरेंट्स बच्चे को रात में जबरदस्ती पढ़ाते हैं, जिससे उसका नींद पूरा नहीं होता है।
सोने से पहले बच्चे को चॉकलेट या कोल्ड ड्रिंक न दें ।
इनमें कैफीन होता है, जो नींद भगा देता है।
बिस्तर पर लड़ाई झगड़ा न करें:
इससे बच्चा में चिड़चिड़ाहट आती है।

अगर बच्चा नहीं उठ रहा, तो गुस्सा करने की बजाय प्यार से उठाए।

7.बच्चे की बात भी सुनें – क्या पता वह किसी परेशानी में है?

कई बार बच्चा स्कूल जाने से इसलिए कतराता है क्योंकि:

  • उसे स्कूल में कोई दिक्कत हो रही है ।
  • वह पढ़ाई में कमजोर है और स्कूल जाने से घबराता है।
  • उसकी नींद पूरी नहीं हो पा रही।

अगर बच्चा बार-बार सुबह उठने से मना कर रहा हो, तो उससे प्यार से बात करें और उसकी परेशानी को जानने की कोशिश करें।

जानिए वो 10 तरीका जो बच्चे को पढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।click here

8.उसने सामने खुद एक रोल मॉडल बनें।

बच्चे वही करते हैं जो वे अपने माता-पिता को करते हुए देखते हैं। अगर आप रात को देर से सोते हैं और सुबह आलस में उठते हैं, तो बच्चा भी वही सीखेगा।

तो आप भी सुबह जल्दी उठकर एक्टिविटीज करें:
योगा करें, वॉक पर जाएँ या किताबें पढ़ें।
पॉजिटिव एनर्जी बनाए रखें।
सुबह खुशनुमा माहौल बनाएँ, चिल्लाएँ नहीं।

निष्कर्ष:

धैर्य और प्यार से काम लें।
बच्चे को सुबह उठने की आदत डालना है, जिसे डेवलप करने में समय लगता है। रात को अच्छी नींद, सुबह की मजेदार दिनचर्या और माता पिता का सपोर्ट –
इन सबके कॉम्बिनेशन से आपका बच्चा खुद-ब-खुद सुबह उठने लगेगा।

Leave a comment