बच्चे को पढ़ने के लिए प्रेरित कैसे करें?Bacche ko padhne ke liye prerit kaise kare 10 trick

पढ़ने

जानिए वो 10 तरीका जो बच्चे को पढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।

क्या आपका बच्चा पढ़ने से जी चुराता है? या उसका मन पढ़ने में नहीं लगता? अगर हाँ, तो आप अकेले नहीं हैं।
आजकल बच्चों का पढ़ने से ज्यादा ध्यान मोबाइल, टीवी, और वीडियो गेम्स पर होता है। लेकिन चिंता नहीं करें!
कुछ रोचक और आसान तरीकों से आप अपने बच्चे को पढ़ने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
हम जानेंगे कि बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित कैसे किया जाए ऐसे तरीके जो न सिर्फ मनोरंजक हों, बल्कि लंबे समय तक काम भी करता हों।

1.पढ़ाई को बोझ न बनाएं।

बच्चे का दिमाग खेल-खेल में सीखने के लिए बना होता है। अगर आप उस पर पढ़ाई का दबाव डालेंगे, तो वह बोर होकर पढ़ाई से दूर भागेगा।
इसकी जगह, पढ़ाई को इन्टरटेनिंग बनाएं।

बच्चे को खेल के जरिए सिखाएं : जैसे मैथ्स पढ़ाने के लिए कैंडीज या खिलौनों का इस्तेमाल करें।
कहानियों से जोड़ें: इतिहास या साइंस को कहानियों की तरह सुनाएं।
ड्राइंग से बच्चे समझाएं: बच्चे को चित्र बनाकर कॉन्सेप्ट को अच्छे से समझाएं।

मनोवैज्ञानिक तथ्य

बच्चे विजुअल लर्निंग (देखकर सीखना) से जल्दी समझते हैं। इसलिए चार्ट्स, कार्टून्स और कलरफुल नोट्स को दिखाकर समझाएं ।

2.पढ़ाई का माहौल बनाएं।

अगर आप खुद पूरा दिन मोबाइल पर लगे रहेंगे और बच्चे से कहेंगे, “जाकर पढ़ाई करो!” तो वह नहीं पढ़ेगा। बच्चा जो देखता हैं, वही सीखता हैं।

फैमिली स्टडी टाइम बनाएं: रोज 1 घंटा सब साथ बैठकर पढ़ें—चाहे किताब पढ़कर या कोई नया स्किल सीखना हो।
लाइब्रेरी बनाएं: एक छोटी सी जगह बनाएं जहां पढ़ाई के लिए शांति हो।
टीवी-मोबाइल का टाइम फिक्स करें: पढ़ाई के समय में स्क्रीन को बंद रखें।

3.छोटे-छोटे गोल सेट करें

बच्चे को एक साथ “पूरी किताब नहीं पढ़ायें “। इसकी जगह, छोटे-छोटे टारगेट दें।

“आज सिर्फ 2 पेज पढ़ लो फिर खेल सकते हो।”
“इस चैप्टर के 5 सवाल हल करो, फिर कोई इनाम मिलेगा।”

साइकोलॉजी ट्रिक:

इसे “दोपहर का नियम” कहते हैं—छोटी जीत (small wins) बच्चे को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।

4.इनाम और प्रशंसा करें।

बच्चों को प्यार और तारीफ से प्रेरित करे ये सबसे आसान तरीका है।

तुरंत प्रशंसा करें: “वाह! तुमने तो यह सवाल बहुत अच्छे से हल किया है !”
छोटे-छोटे इनाम दें: जैसे—एक चॉकलेट, पार्क में खेलने का टाइम, या कोई नया पेंसिल बॉक्स।
लंबे समय के लिए बड़ा इनाम: जैसे—एक महीने तक रोज पढ़ने पर कोई टॉय देना या घुमाने ले जाना।

चेतावनी

ज्यादा रिश्वत (Bribe) भी न दें! जैसे—”अगर पढ़ोगे तो मोबाइल दूँगा।” इससे बच्चा सिर्फ इनाम के लिए पढ़ेगा, न कि सीखने के लिए।

5.बच्चे की रुचि को पहचानें।

हर बच्चा अलग होता है। किसी को साइंस पसंद है, तो किसी को ड्राइंग। उसकी पसंद के हिसाब से पढ़ाई को जोड़ें।
अगर बच्चा क्रिकेट पसंद करता है,तो मैथ्स के सवाल क्रिकेट स्कोर से जोड़कर पूछें।
अगर बच्चा कार्टून पसंद करता है, तो उसे कहानी की किताबें दें या एजुकेशनल कार्टून दिखाएँ।

याद रखें:

जब पढ़ाई बच्चे की पसंद से जुड़ जाता है, तो वह उसे मजबूरी नहीं, गेम समझता है।

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6.गलतियों से डराएँ नहीं, बल्कि समझाएं।

कई बार माता पिता बच्चे की गलतियों पर गुस्सा कर देते हैं “इतनी बार समझाया, फिर भी गलती कर दी?”

लेकिन यह तरीका बच्चे का आत्मविश्वास को कम कर देता है। इसकी बजाय:

गलतियों से सीखने का हिस्सा बताएं।
“चलो, इस सवाल को फिर से ट्राई करते हैं” कहकर हौसला दें।
-खुद कि भी अपनी गलतियाँ दिखाएं । ताकि बच्चा समझे कि गलतियाँ सबसे होती हैं।

7.टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल सिखाएं।

आजकल ढेर सारे एजुकेशनल ऐप्स और यूट्यूब चैनल्स हैं, जो पढ़ाई को इंटरेस्टिंग बनाते हैं। उनसे सिखने को कहें।

BYJU’S, Khan Academy जैसे ऐप्स पर क्लासेस करवायें।
यूट्यूब पर एनिमेटेड विडियो (जैसे—Peekaboo Kidz, Learn with Amar) को दिखाएं।
ऑनलाइन क्विज़ गेम्सजैसे Kahoot करवाएं!

ध्यान रखें:

: स्क्रीन टाइम का लिमिट होना चाहिए।

8.किसी दुसरे बच्चें से तुलना न करें।

“देखो रामू का बेटा कितना अच्छा पढ़ता है!”—यह वाक्य बच्चे के दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।

इससे अच्छा है कि आप कह सकते हैं :
“तुम पहले से बेहतर कर रहे हो!” कहकर प्रोत्साहित करें।
-शखुद के साथ कॉम्पिटिशन कराएं—जैसे, “कल तुमने 5 सवाल किए थे, आज 6 कर सकते हो क्या ?

9.ब्रेक और खेल के महत्व के बारे में बताएं ।

लगातार पढ़ाई करने से बच्चा थक जाता है। हर 30-40 मिनट के बाद 10 मिनट का ब्रेक दें।

पढ़ाई के बीच में खेलने दें (जैसे—लूडो, ड्राइंग, या बाहर दौड़ना)।
फिजिकल एक्टिविटीज करबायें जो दिमाग को तेज करती हैं।

10.बच्चे की उम्र के हिसाब से अलग तरीका अपनाएं।

छोटे बच्चे (5-10 साल)
कहानियों, कविताओं और ड्रॉइंग से पढ़ाएँ।
बोर्ड गेम्स (जैसे Scrabble, Monopoly) से नंबर्स और वर्ड्स सिखाएँ।

बड़े बच्चे (10-15 साल) के है।

  • उनके करियर गोल के बारे में बात करें (जैसे—डॉक्टर, इंजीनियर बनने के लिए क्या पढ़ना जरूरी है)।

निष्कर्ष:

प्यार से सिखाएँ।
बच्चे को पढ़ने के लिए प्रेरित करना है ,यह एक जर्नी है। जबरदस्ती करने से अच्छे रिजल्ट नहीं आते। बल्कि,प्यार , समझ और थोड़ी क्रिएटिविटी से आप उसे ज्ञान की दुनिया में जोड़ सकते हैं।

तो आज से ही इन टिप्स को अपनाएँ और देखें कि कैसे आपका बच्चा खुशी-खुशी पढ़ाई करने लगता है!


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