आज के दौर में बच्चों के सामने करियर के इतने विकल्प हैं कि उनका और उनके माता-पिता कन्फ्यूजन में रहना स्वाभाविक है।
इंजीनियरिंग, मेडिकल, आर्ट्स, स्पोर्ट्स, या यूट्यूबर—हर फील्ड में सफलता के मौके हैं, लेकिन सही रास्ता चुनना आसान नहीं है।
एक रिसर्च के मुताबिक, 76% भारतीय बच्चे 12वीं के बाद अपने चुने हुए करियर से नाखुश होते हैं।
ऐसे में माता-पिता सिर्फ “गाइड” ही नहीं, बल्कि उसको”सपोर्ट सिस्टम” भी देना चाहिए।
यहां हम आपको बताएंगे कैसे आप अपने बच्चे की पैशन, स्किल्स और मार्केट डिमांड स्किल को समझकर उसे सही करियर चुनने में मदद कर सकते हैं।
करियर चुनते समय माता-पिता से होने वाली 5 कॉमन गलतियां।
- माता पिता के अपने सपने, होते हैं। जबकि बच्चे का अपना सपना होता है।
- सिर्फ मार्क्स पर फोकस: “90% लाओ, फिर जो मन करे वो करना” जैसे वादे।
- ट्रेंड्स को ब्लाइंडली फॉलो करना: “हर कोई CA बन रहा है, तुम भी बनो!”
- पैसे को प्राथमिकता देना: “इस फील्ड में सैलरी ज्यादा है, यही चुनो।”
- बच्चे की रुचि को नजरअंदाज करना: “डांस से कम नहीं बनता, पढ़ाई पर ध्यान दो।”
बच्चों को करियर चुनने के 10 टिप्स।
1.बच्चे की पर्सनैलिटी को समझें।
हर बच्चा अलग होता है। अक्सर बच्चों की पर्सनैलिटी टाइप हॉबीज के आधार पर करियर सुझाने चाहिए ।
एक्टिविटी: बच्चे से पूछें: “तुम खाली समय में क्या करना पसंद करते हो?”
-टूल्स का इस्तेमाल करें: पर्सनैलिटी टेस्ट दिलवाएं।
उदाहरण:
अगर बच्चा टीम में काम करना पसंद करता है, तो मैनेजमेंट या इवेंट प्लानिंग जैसे करियर ऑप्शन्स के बारे में बताएं।
2.बच्चों को ऑप्शन्स की पूरी जानकारी दें।
आज सिर्फ डॉक्टर-इंजीनियर ही नहीं, 500+ विकल्प उपलब्ध हैं। बच्चे को नए-नए फील्ड्स के बारे में बताएं:
डिजिटल फील्ड: डिजिटल मार्केटिंग, AI/ML, कंटेंट क्रिएशन
क्रिएटिव फील्ड: गेम डिज़ाइनिंग, फैशन टेक्नोलॉजी, फूड ब्लॉगिंग के बारे में बताएं।
3.इंटर्नशिप और वर्कशॉप्स में भाग लेने के लिए प्रेरित करें।
किताबी नॉलेज से ज्यादा प्रैक्टिकल नॉलेज मदद करता है।
स्टेप्स
- 10वीं के बाद से ही शॉर्ट-टर्म कोर्सेज करवाएं।
- लोकल बिजनेसेज के साथ इंटर्नशिप के लिए बात करें।
प्लेटफॉर्म्स: Internshala, Naukri Learning, Coursera
4.करियर के “रियलिटी चेक” में मदद करें।
हर करियर के फायदे और चुनौतियां होती हैं। बच्चे को दोनों पहलुओं से रूबरू कराएं:
-उदाहरण: अगर बच्चा आईएएस बनना चाहता है, तो उसे बताएं:
- तैयारी में 3-5 साल लग सकते हैं।
- पोस्टिंग कहीं भी हो सकती है।
- सैलरी के अलावा सोशल इम्पैक्ट बड़ी प्रेरणा है।
5.फाइनेंशियल प्लानिंग पर चर्चा करें।
करियर चुनते समय कोर्स की फीस, लोन, और रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट (ROI) समझना जरूरी है।
सवाल पूछें: “क्या इस फील्ड में इतनी कमाई होगी कि तुम अपने लक्ष्य पूरे कर सको?”
स्कॉलरशिप के विकल्प: प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना।
6.रोल मॉडल्स से मिलवाएं।
बच्चे को उन प्रोफेशनल्स से बात करने का मौका दें जो उसके पसंदीदा फील्ड में काम करते हैं।
आइडिया: LinkedIn पर मैसेज करके कॉफी चैट के लिए पूछें।
फायदा: बच्चे को फील्ड की असली जानकारी मिलेगी।
7.”गैप ईयर” लेने में सपोर्ट करें।
अगर बच्चा कन्फ्यूज्ड है, तो 1 साल का ब्रेक लेकर करियर चुनने में मदद करें।
इस दौरान क्या करें?
- स्किल डेवलपमेंट कोर्सेज करें।
- ट्रैवलिंग या सोशल वर्क कर सकते हैं।
- फ्रीलांसिंग भी कर सकते हैं।
8.बच्चों पर प्रेशर न डालें, प्यार से समझाएं।
फैसला लेने का समय धैर्यरखें। बच्चे को फैसला लेने का समय दें।
क्या कहें?
- “हम तुम्हारे साथ हैं, चाहे तुम कुछ भी चुनो।”
- “गलत फैसले से मत डरो, हम सीखते हैं अपनी गलतियों से।”
9.मार्केट ट्रेंड्स और टेक्नोलॉजी पर अपडेट रहें।
2030 तक AI, रोबोटिक्स और ग्रीन एनर्जी जैसे सेक्टर्स में करियर के नए अवसर आएंगे।
रिसोर्सेज:
- NASSCOM की रिपोर्ट्स
- “Future of Jobs” वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम
10.प्रोफेशनल करियर काउंसलिंग लें।
अगर बच्चा कन्फ्यूज्ड है, तो एक्सपर्ट्स की मदद लेना ठीक है।
भारत में करियर काउंसलिंग प्लेटफॉर्म।
- Mindler
- CareerGuide
- Univariety
करियर प्लानिंग के 5 इंस्पायरिंग स्टोरीज।
- विराट कोहली:क्रिकेटर बनने के लिए 12वीं के बाद पढ़ाई छोड़ी, आज ग्रेटेस्ट प्लेयर है!
- तनुश्री प्रधान: ट्रैवल ब्लॉगिंग से शुरुआत करके “देसी ट्रैवलर” बनीं।
- सोनम वांगचुक: इंजीनियरिंग छोड़कर “आइस स्टूपा” जैसे इनोवेशन्स से लद्दाख को बदला।
- मास्टरचेफ विजेता निखिल चोपड़ा: IT की नौकरी छोड़कर शेफ बने।
- प्रियंका जोशी: ट्रैवल इंफ्लुएंसर से यूट्यूब की करोड़पति स्टार।
FAQs: बच्चों के करियर से जुड़े सवाल।
Q1. बच्चा 10वीं में कम मार्क्स लाया है, क्या करें?
जवाब: मार्क्स सब कुछ नहीं होते! आर्ट्स, स्पोर्ट्स, या स्किल-बेस्ड कोर्सेज करबायें।
Q2. क्या 12वीं के बाद गैप ईयर लेना सही है?
जवाब: हां, अगर इस दौरान बच्चा स्किल्स सीखे या करियर क्लैरिटी पाए।
Q3. बच्चा पढ़ाई नहीं करना चाहता, क्या विकल्प हैं?
जवाब: वोकेशनल कोर्सेज (जैसे हॉस्पिटैलिटी, फैशन), फ्रीलांसिंग, या एंटरप्रेन्योरशिप कराएं ।
Q4. करियर काउंसलिंग की फीस कितनी होती है?
जवाब: ऑनलाइन सेशन ₹1500 से ₹5000 तक। Govt. संस्थानों में सस्ते विकल्प भी हैं।
निष्कर्ष:
करियर चुनाव टीमवर्क है!
बच्चे का फैसला जिंदगी का सबसे अहम फैसला है, लेकिन यह फैसला अकेले उस पर नहीं छोड़ना चाहिए।
माता-पिता का सपोर्ट, एक्सपर्ट्स की गाइडेंस, और बच्चे का पैशन—इन तीनों का मेल ही सही करियर की चाबी है।